Saturday, October 1, 2011

मै पिच्चर में जावू के नको

मै पिच्चर में जावू के नको

ये करू नको, वो करू नको सदा ऐसेच बोलतेय आप तो
मै पिच्चर में जावू के नको ये अब्बीच बोल दो मेरे को ||धृ||

देखने में मै हूं बडी देखनी; सब बोलतेय मेरकू चिकनी
नही कोई मुझमे कमी; मेरे बगैर पडती गली सूनी
कैसी हिरोईन एक नंबर बनती तुम अभी देखो
मै पिच्चर में जावू के नको ये अब्बीच बोल दो मेरेको ||१||

मुंबई शहर है बडा मोटा; नाही पैसेका उधर तोटा
मत करो मेरेको बेटा बेटा; नाही होंगा अपनेको घाटा
अब्बी मेरी अम्मीभी राजी हो गयी देखो
मै पिच्चर में जावू के नको ये अब्बीच बोल दो मेरेको ||२||

तुम खाली हातमाग चालवतय; रातदिन मेहनत मजूरी करतय
हातपाय फुकटमधी चालवतय; बुढा होनेपर कोन तेरेकू देखतय?
अब्बा तूम भी मान जाव मालेगांव छोडनेको
मै पिच्चर में जावू के नको ये अब्बीच बोल दो मेरेको ||३||

- पाषाणभेद (दगडफोड्या)
२७/०९/२०११

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