Wednesday, February 23, 2011

मै तो हुं शम्मो शहाबादी

मै तो हुं शम्मो शहाबादी

तुम रोक लो खुद को वही, ना आगे आना कभी
मै तो हुं शम्मो शहाबादी, हात लगी तो होगी बरबादी ||धृ||

मेरे पिछे ना आना, कभी सिटी ना बजाना
ना कभी मुझको चिढाना, ना कभी आँख दिखाना
मैं हूं तुम्हारी होनेवाली भाभी ऐसेही समझना
मै तो हूं चिंगारी, सुलगी तो आग लगावूंगी
मै तो हुं शम्मो शहाबादी, हात लगी तो होगी बरबादी ||१||

पिछले गली के राजूने कल मुझे सपने मे देखा
सपनेमेंही उसने साधा बात करने का मौका
मैनें सपनेमेंही उसको ऐसा जबरन ठोका
के हप्तेभर उसे बिस्तर से ना मिलेगी आजादी
मै तो हुं शम्मो शहाबादी, हात लगी तो होगी बरबादी ||२||

जबभी मै रस्तेसे चलू, हट जावो सारे तुम पपलू
कोई खुदको हिरो समझे, मैं तो उसे वही रोकलू
मेरे आगे कोई न जाए, मैंही सबके आगे चलू
फिर पिछे चाहे पडे सारे सारे देश की आबादी
मै तो हुं शम्मो शहाबादी, हात लगी तो होगी बरबादी ||३||

- पाषाणभेद (दगडफोड्या)
२२/०२/२०११

No comments: